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संस्‍थापक– श्री छोटू सिंह यादव

सन्‍त बूला सत्‍यनाम दास बीरबल स्नातकोत्तर महाविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक स्थापित तथा ख्यातिप्राप्त नाम है | इस महविद्यालत में उत्तम शिक्षा पद्धति, योग्य एवं अनुभवी प्राध्यापक, स्तरीय अनुशासन व्यवस्था तथा व्यक्तित्व निर्माणकारी सह शैक्षणिक गतिविधियो इसे एक उत्तम शिक्षा संस्थान के रूप में स्थापित करती है | जहां एक ओर महाविद्यालय में परम्परागत विषयों का शिक्षण होता है, वही बीoए०, डी०एल०एड० एवं बी०एड०‚ एम0ए0‚एम.एस–सी0 जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन होता है | ...

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प्राचार्य– डॉ0 दुर्ग विजय सिंह यादव

शिक्षा और ज्ञान के विस्तार के क्रम में गाजीपुर में उच्च शिक्षा को नयी दिशा देने के लिए इस महाविद्यालय की स्थापना की गई। प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित यह महाविद्यालय क्षेत्रीय अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कृत संकल्प है। इस क्रम में अध्ययन अध्यापन के विशिष्ट वातवरण का निर्माण परिसर में किया गया है। शिक्षा का विस्तार सूदूरवर्ती क्षेत्र में करना इस महाविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य है। इस दिशा में हम निरन्तर प्रयत्नशील हैं।

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Highlights

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स्नातक कला संकाय (बी0ए0)

हिन्दी, अंग्रजी, गृहविज्ञान,समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास, भूगोल, संस्कृत, उर्दू, ललित कला, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र

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स्नातकोत्तर स्तर (एम0ए0)

हिन्दी, अंग्रजी, गृहविज्ञान,समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, इतिहास, राजनीति शास्त्र

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स्नातक विज्ञान संकाय (बी0एस-सी0)

गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान,वनस्पति विज्ञान, प्राणि विज्ञान,भूगोल, गृहविज्ञान

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स्नातकोत्तर स्तर विज्ञान संकाय (एम0एस-सी0)

गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान,वनस्पति विज्ञान, प्राणि विज्ञान

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स्‍नातक वाणिज्‍य संकाय (बी0काम0)

सभी संबंधी विषय

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स्‍नातकोत्‍तर वाणिज्‍य संकाय (एम0काम0)

सभी संबंधी विषय

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डी0एल0एड0 (बी0टी0सी0)

कालेज कोड 450039

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शिक्षा संकाय (बी0एड0)

शिक्षा संकाय (बी0एड0)
कालेज कोड xxxxx

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हमारे बारे में

ग्रामीण छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से सन्‍त बूला सत्‍यनाम दास बीरबल पी0जी0कालेज‚दुल्‍लाहपुर‚गाजीपुर (उ0प्र0)की स्थापना प्रायः ऐसी जगहों पर की गयी है जहाँ पहले से महाविद्यालय का अभाव है। महाविद्यालय की स्थापना इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की गयी।

दुल्‍लाहपुर में स्थित यह संस्थान कई एकड़ के परिसर में विकसित किया गया है। इस महाविद्यालय में उल्लेखनीय सफलता पायी है। छात्राओं के बीच खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की सुदृढ़ परम्परा यहाँ की विशेषता रही है। नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षाओं के लिए हम सदैव प्रतिबद्ध रहे हैं। प्राध्यापक अपनी कक्षाओं के प्रति सजग रहे हैं।

इस बात का सदैव ख्याल रखा जाता है कि छात्राओं के साथ किसी भी प्रकार का भेद-भाव न हो। परिसर रैगिंग से पूरी तरह मुक्त है। परिसर को साफ-सुथरा और हरा-भरा रखने में प्राचार्य-प्राध्यापकों की प्रेरणा और कर्मचारियों की मुस्तैदी यहाँ देखी जा सकती है।विभिन्न अवसरों पर छात्राओं की सहायता से स्वच्छता और वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित कराए जाते रहे हैं। गाँव की छात्राएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

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